ना सीखी होशियारी...

होशियारी मिलती नहीं बाज़ार में,
समझदारी बिकती नहीं दुकान पे,
मिले ग़र दुनियादारी का ठेकेदार,
हम होंगे उसके पहले खरीददार|


Comments

Popular Posts